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जिस समाज में हम जन्म लेते हैं, पढ़ते हैं, बड़े होते हैं और सफलता के उच्चतम शिखर तक पहुंचते हैं । जहाँ लोगों को जीवन की प्रारंभिक शिक्षा परिवार और समाज में ही मिलती है। कहा जाता है कि  प्रारंभिक शिक्षा और संस्कार अच्छे हो तो मनुष्य को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है और बात भी सही है। जो समाज हमें नाम, इज़्ज़त और सम्मान दिया है उस समाज के प्रति भी हमारा कुछ दायित्व बनता है। इसी दायित्व को समझते हुए अंतर्राष्ट्रीय भारत सेवा संस्थान की स्थापना की गयी है। यह इंटरनेशनल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एसोसिएशन का सामाजिक विंग के रूप में काम कर रहा है । अंतर्राष्ट्रीय भारत सेवा संस्थान का ही संक्षेप में ABSS  कहा जाता है। समाज का हर व्यक्ति लोगों के बीच में जाकर सहायता नहीं कर सकते। उसका मुख्य कारण समय की कमी भी हो सकती है । ऐसे लोग ABSS की सहायता से समाज में अच्छे काम कर सकते हैं। इसका उद्देश्य लोगों को जागरूक करना एवं समाज के प्रति उनके दायित्व को समझाना है।  हमारा दायित्व सिर्फ हमारे परिवार तक सीमित नहीं है क्योंकि हम  जिस समाज और देश में रहते हैं  उसके प्रति  भी  लोगों का समर्पण हो और समाज एवं देश के विकास में आर्थिक एवं शारीरिक सहयोग हो। विभिन्न सेवा कार्यों को प्रारंभ कर उसमें समाज के लोगों की भागीदारी के लिए प्रेरित करना भी हम लोगों का उद्देश्य है। अंतर्राष्ट्रीय भारत सेवा संस्थान के सदस्य अनेकों संस्थान जो समाज में  लोगों की सहायता करते हैं उसमें जाकर सहायता प्रदान करते हैं या दूसरे शब्दों में कहा जाए तो उनके साथ मिलकर काम करते हैं। लॉकडाउन के दौरान बिरसा समाधि स्थल के पास लगातार 60 दिनों तक जरूरतमंद लोगों को भोजन करवाने में सहयोग किया। लोगों का हुनर बढ़ाने के साथ ही साथ महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए नि:शुल्क सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने में ए.बी.एस.एस. के सदस्य जुटे हैं। प्रत्येक वर्ष करीब 100  जरूरतमंद महिलाओं को निशुल्क प्रशिक्षण देने की तैयारी की जा रही है ।